बिटकॉइन 13 वर्षों से अधिक समय से बिना रुके काम कर रही है। लेकिन इसकी इतनी लोकप्रियता के बावजूद बहुत से लोग अभी भी इसे नहीं समझ पा रहे हैं कि यह क्या है, और यह सब कैसे काम करता है।
चलिए जानते हैं।
बिटकॉइन क्या है ?
यह एक Peer-to-Peer Technology है। जिसे आप Decentralize Technology भी कह सकते हैं। जिसे सरकारों और बैंकों जैसे केंद्रीय अधिकारियों के बिना संचालित करने के लिए बनाया गया था। यह एक कंप्यूटर प्रोग्राम द्वारा बनाई गयी Virtual Currency है। ये सिर्फ इन्टरनेट पर मौजूद है इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है।

बिटकॉइन काम कैसे करता है ?
बिटकॉइन Blockchain Technology पर कार्य करता है। Blockchain ब्लॉको की एक श्रृंखला होती है ब्लोक्चैन के भीतर डेटा एन्क्रिप्शन विधियों द्वारा सुरक्षित किया जाता है। जब ब्लॉकचेन पर कोई लेनदेन होता है। तो पिछले ब्लॉक की जानकारी को नए डेटा के साथ एक नए ब्लॉक में कॉपी कर एन्क्रिप्ट किया जाता है। और लेनदेन को Miners द्वारा सत्यापित किया जाता है जब लेनदेन सत्यापित हो जाता है, तो एक नया ब्लॉक खुल जाता है और बिटकॉइन का कुछ हिस्सा Miners को इनाम के रूप में दिया जाता है।
Blockchain Technology को विस्तार से जाने
बिटकॉइन किसने बनाया और कब बनाया ?
इस का इतिहास 18 अगस्त 2008 को शुरू होता है, जब bitcoin.org को पंजीकृत किया गया था। और 31 अक्टूबर को सतोशी नाकामोटो द्वारा “Bitcoin: A Peer-to-Peer Electronic Cash System” नामक एक पेपर का लिंक एक Cryptography Mailing सूचि में पोस्ट किया गया था। 3 जनवरी 2009 को बिटकॉइन Network अस्तित्व में आया जब सातोशी नाकामोटो ने जेनेसिस ब्लॉक 0 को माईन किया।
बिटकॉइन का सार्वजनिक Open-Source Client 9 जनवरी 2009 को जारी किया गया था। Open-Source Code, बिटकॉइन की सभी विशेषताओं को प्रदर्शित करते हुए अन्य Cryptocurrency के उभरने के लिए रास्ता बनाया।
पहला बिटकॉइन लेनदेन 12 जनवरी 2009 को सतोशी नाकामोटो और Hal Finney के बिच में हुआ था। जिसमे सतोशी नाकामोटो ने 10 बिटकॉइन Hal Finney को भेजा था।
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